क्रिप्टोलजी पर फ्यूचर्स ट्रेड कैसे करते हैं?

क्रिप्टोलजी पर फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स को ट्रेड करना जितना मुश्किल दिक्तत हैं उतना है नहीं, पर ध्यान रखें, फ्यूचर्स ट्रेडिंग स्पॉट मार्केट पर ट्रेड करने से अधिक झोकीमें को रखता हैं। अगर आपके पास पहले से ही एक वेरिफैड क्रिप्टोलजी अकाउंट हैं, तो आप अगले कुछ मिनटों में फ्यूचर्स ट्रेडिंग शुरू कर सकती हैं।

ट्रेडिंग शुरू करने से पहले, बेहतर होगा की आप फ्यूचर्स मार्केट में उपयोग किये जाने वाले बेसिक टर्म्स की समझ रखें। फ्यूचर्स मार्केट को समझने के लिए चाहे गए बेसिक टर्म्स यहाँ नीचे हैं।

  • फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट्स होते हैं जो भविष्य में एसेट्स को एक सेट प्राइस पर खरीदने और बेचने के लिए होते हैं। जब आप एक फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट बनाते हैं, आप एसेट्स को सीधा नहीं खरीदते हैं क्यूंकि फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट एक डेरीवेटिव होता हैं। तो, फ्यूचर्स मार्केट और स्पॉट मार्केट में ये अंतर हैं की: स्पॉट मार्केट पर आप एक एसेट को खरीदते हैं और वह आपका बन जाता हैं, मगर फ्यूचर्स ट्रेडिंग अलग तरीके से काम करता हैं - आप एक एसेट पर पोजीशन पाते हैं बिना उसे अपना बनाएं।
  • फ्यूचर्स ट्रेडिंग में लेवरेज एक सबसे ज़रूरी टूल होता हैं। लेवरेज प्रॉफिट को मक्सिमाइज़ करने में आपकी मदद करता हैं। उदाहरण के लिए, स्पॉट मार्केट पर 1 BTC खरीदने के लिए आपको हज़ारों डॉलर्स की ज़रुरत पड़ती हैं, मार्केट प्राइसेस के हिसाब से। चलिए मानते हैं की बिटकॉइन का करंट प्राइस $15,000 हैं, तोह आपको 1 BTC खरीदने के लिए $15,000 की ज़रुरत होगी। एक फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट कॉस्ट का सिर्फ एक हिस्सा खरीदकर उस एसेट पर फ्यूचर्स पोजीशन खोलने का मौका देता हैं। ये सिर्फ लेवरेज के साथ हो सकता हैं। लेवरेज जितना ज़्यादा होगा, एक पोजीशन पर आपको उतने कम फंड्स इन्वेस्ट करने की ज़रुरत पड़ेगी, मगर आपके पोजीशन के लिक्विडेट होने का झोकीम भी ज़्यादा होगा। उदाहरण के लिए, ×10 लेवरेज के साथ, आपको पूरे अमाउंट ($15,000) की ज़रुरत नहीं पड़ेगी, किन्तु केवल $1,5000 1 BTC कॉन्ट्रैक्ट खरीदने के लिए। स्पॉट ट्रेडिंग में लेवरेज उपलब्ध नहीं हैं।
  • पोजीशन "लॉन्ग" - आगे जाके एसेट के प्राइस का और ज़्यादा होने के अंदाज़े से किसी भी एसेट को खरीदना। खरीदने से कंपैर किया जासकता हैं। लॉन्ग ट्रेडर्स या बयर्स को "बुल्स" कहते हैं। बढ़ते हुए मार्केट का नाम "बुलिश" हैं।
  • "शार्ट" पोजीशन आगे जाके एसेट के प्राइस का कम होने के अंदाज़े से डील में शामिल होने को कहते हैं। ये "शार्ट" मैकेनिज्म और अधिक कॉम्प्लिकेटेड और समझने में मुश्किल होता हैं। आसान शब्दों में, आप एक्सचेंज से एक एसेट उधार पर लेट हैं और उसे करंट प्राइस पर बेचते हैं। जब उसका प्राइस कम होता हैं, आप उसे खरीदकर वापिस लौटाते हैं, और डिफरेंस को प्रॉफिट के तौर पर लेते हैं। अभी के लिए, इस प्रोसेस को ऑटोमेट किया गया हैं और ये तुरंत हो जाता हैं, इसीलिए आपको खुद से एक्सचेंज से एसेट उधार लेकर बेचने की ज़रुरत नहीं पड़ती हैं। हमारे प्लेटफार्म पर, आपको सर्फ एक पोजीशन खोलना होगा, और सिस्टम सारे स्टेप्स अपने आप पूरा करेगा। शार्ट ट्रेडर्स (या सेलर्स) को हम आम तौर पर "बेअर्स" कहते हैं। इसीलिए एक डाउन मार्किट को बेयर मार्किट कहते हैं।
  • पोजीशन लिक्विडेशन। हर ट्रेडर के लिए ये सबसे अप्रिय टर्म हैं। पोजीशन के लिए कम मैंटेनेन्स मार्जिन के वजह से उसके फोर्स्ड क्लोशर को लिक्विडेशन कहते हैं। आपका लेवरेज जितना ज़्यादा हैं और मैंटेनेन्स मार्जिन जितना कम, आपके पोजीशन का लिक्विडाते होने का झोकीम उतना ही ज़्यादा हैं। 

आप हमारे फ्यूचर्स ट्रेडिंग FAQ के आर्टिकल में फ्यूचर्स मार्केट के बाकी टर्म्स देख सकते हैं।

फ्यूचर्स पर ट्रेडिंग कैसे शुरू करते हैं उसकी जानकारी आप यहाँ नीचे पाएंगे:

  1. पहले तो, आपको अपने क्रिप्टोलजी अकाउंट के फ्यूचर्स बैलेंस में फंड्स डिपॉजिट करने होंगें। इसको करने के अनेक तरीके हैं: अपने फ्यूचर्स वॉलेट के एड्रेस पर आप डिपॉजिट कर सकते हैं, और आप अपने एक्सचेंज वॉलेट से भी फ्यूचर्स वॉलेट पर फंड्स को ट्रांसफर कर सकते हैं। फ्यूचर्स पर ट्रेडिंग के लिए दो बेस एसेट्स उपलब्ध हैं: USDT और BTC।
  2. फ्यूचर्स के पेज पर जाएँ:

  3. अपने फ्यूचर्स पोजीशन के लिए लेवरेज को चुनें। ये करने के लिए "चूसे" बटन पर क्लिक करें और फिर लेवरेज को चुनें:

  4. जूस टाइप के पोजीशन को आप खोलना पसंद करेंगे उसे चुनें (लॉन्ग या शार्ट), आर्डर टाइप चुनें, और पोजीशन साइज को दर्ज करें। आप दोनों मार्केट प्राइस या लिमिट आर्डर के प्राइस पर पोजीशन खोल सकते हैं।

फ्यूचर्स मार्केट में दो और तरीके से ऑर्डर्स हैं: स्टॉप मार्केट और स्टॉप लिमिट। एक स्टॉप मार्केट आर्डर एक स्टॉप प्राइस से ट्रिगर होता हैं। जब स्टॉप प्राइस पर पोहंच जाना हैं, ये आर्डर मार्केट आर्डर बन्न जाता हैं, और पोजीशन करंट प्राइस पर बंध होजाता हैं। स्टॉप लिमिट आर्डर एक कंडिशनल आर्डर होता हैं जो स्टॉप प्राइस के पोहॉंछने के बाद एक मांगे हुए लिमिट प्राइस पर पूरा होता हैं। इसमें अंतर ये हैं की स्टॉप प्राइस पर पोहॉंछने के बाद, आर्डर लिमिट प्राइस पर प्लेस किया जाता हैं। 

  1. एक पोजीशन ओपन करें और प्रॉफिट कमाएं!

रिस्क रिमाइंडर: फ्यूचर्स ट्रेडिंग एक हाई-रिस्क इन्स्ट्रुमेंट हैं, ये आपको लेवरेज की मदद से आपके प्रॉफ़िट्स को मक्सिमाइज़ कर सकता हैं, या बोहत ज़्यादा लॉसेस भी करा सकता हैं। फ्यूचर्स में ट्रेड करने से पहले, आपको एक ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बनानी चाहियें।